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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को 72वे जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  जी को 72वे  जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं।  अपने जन्मदिन पर प्रधानमंत्री इस दिन चार अहम कार्यक्रमों में अपना संबोधन देंगे। सबसे पहले पीएम शनिवार को ही नामीबिया से 8 चीतों के भारत आने के अवसर पर राष्ट्र को संबोधित करेंगे।  इसके अलावा पीएम तीन अहम कार्यक्रमों को भी संबोधित करेंगे। शनिवार को ही भाजपा सेवा अभियान पखवाड़ा की शुरुआत करेगी। अपने जन्म दिन पर पीएम सबसे पहले 70 साल पहले विलुप्त घोषित कर दिए गए चीते को भारत लाए जाने के अवसर पर राष्ट्र को संबोधित करेंगे। गौरतलब है कि नामीबिया से आठ चीते शनिवार को ही कुनो राष्ट्रीय उद्यान लाए जा रहे हैं। इन्हें खुद पीएम राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ेंगे। इस विषय पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में पीएम वन्यजीव और पर्यावरण की सुरक्षा पर अपनी बात रखेंगे। राष्ट्र के नाम संबोधन के बाद पीएम मध्यप्रदेश में स्वयं सहायता समूहों के सम्मेलन को संबोधित करेंगे। फिर फिर विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर आईटीआई के छात्रों के पहले दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करेंगे। इस कार्यक्रम में करीब 40

समाज में बदलाव लाना जरूरी है ।बाविसी गोमती ब्रह्मो समाज हमेशा नए विचारों और नए उद्यम के लिए जाना जाता है ।

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समाज में बदलाव लाना जरूरी है । बाविसी गोमती ब्रह्मो समाज हमेशा नए विचारों और नए उद्यम के लिए जाना जाता है । अरावली जिले के धनसुरा तालुका में नई शिनोल गांव के 104 दादी गण स्व मंगुबेन मूलशंकर पंड्या का 27 ऑगस्ट को निधन हो गया और फिर बारहवें तेरहवें समारोह में सर्वादी उनके बेटों ने समाज को कुछ दिया। राजूभाई पंड्या और भवानी के भाई पंड्या एक नया विचार लेकर आए कि हमें तुलसी के पौधे देने चाहिए। हमने लगभग 500 पौधे सभी को वितरित किए। जितने लोग गाँव में और जितने लोग थे, उतने रिश्तेदार आए आसपास के गांवों ने भी पौधे बांटे और एक समाज का मार्ग प्रशस्त किया। स्वीकृत मतलब समाज में कुछ नया करना पर्यावरण की रक्षा के लिए सामाजिक संदेश दिया पर्यावरण की रक्षा करें पृथ्वी को हरा-भरा रखें एक संदेश दिया गया है इस परिवार को शत शत नमन और हमारा प्रणाम।

विशेष रिपोर्ट ओणम

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ओणम की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। विशेष रिपोर्ट: ओणम  10 दिवसीय फसल उत्सव 30 अगस्त, 2022 से शुरू हो गया है। केरल में इसको लेकर काफी उत्साह देख जा सकता है। ओणम दक्षिण भारतीय राज्य में बहुत उल्लास के साथ मनाया जाता है। यह कुछ विशिष्ट मलयाली व्यंजनों पर दावत देने का समय है, पारंपरिक तरीके से केले के पत्तों पर, क्योंकि यह ओणम का त्योहार है. 10 दिवसीय फसल उत्सव 30 अगस्त, 2022 से शुरू हो गया है । और केरल में इसको लेकर काफी उत्साह देख जा सकता है. यह त्योहार पौराणिक राजा महाबली की घर वापसी की याद में मनाया जाता है. ओणम दक्षिण भारतीय राज्य में बहुत उल्लास के साथ मनाया जाता है, जिसमें लोग फूलों की रंगोली बनाते हैं, नाव की दौड़ में शामिल होते हैं और लोक गीत गाते और नाचते हैं, और यह पर्व ओणम साध्या की भव्य दावत के साथ समाप्त होता है। ओणम साध्य मलयालम में ‘भोज' का अनुवाद करता है, जिसका अर्थ है ओणम साध्य दावत जिसमें विविध तरह के भोजन शामिल होते है, इसमें विभिन्न प्रकार के नमकीन और मीठे व्यंजन होते है. चावल के साथ, एरिसरी

अरवल्ली जिला के मोडासा तहसील की प्राचीन पाठशाला श्री वी एस शाह प्राथमिक शाला में डॉ सर्वपलवी राधाकुष्न की याद में शिक्षण दिवस मनाया गया।

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 अरवल्ली जिला के मोडासा तहसील की प्राचीन पाठशाला श्री वी एस शाह प्राथमिक शाला में डॉ सर्वपलवी राधाकुष्न की याद में शिक्षण दिवस मनाया गया। इस कार्यक्रम में पाठशाला के छात्रों ने शिक्षक बनके पूरे दिवस शैक्षणिक कार्य करके डॉ सर्वपालवी राधाकृष्ण को दी श्रद्धांजलि।  छात्रों को उत्साह बढ़ाने सरस्वती बा मंडल के प्रमुख श्री नीलेशभाई जोशी ओर उनकी पूरी टीम साथ जुड़ी। छात्रों को सराहनीय कार्य के लिए शाला के केम्पस डायरेक्टर श्री रमणभाई सुतरिया ओर पाठशाला के  आचार्य श्रीकांत भाई गांधी ओर त्रिवेदी किरना बहन ने शाला के छात्रों ओर गुरुजनों की सराहना की। अरवल्ली जिला के मोडासा की सरस्वती बाल मंदिर मंडल संचालित श्री वी एस शाह प्राथमिक विद्यालय में शिक्षण दिवस मनाया गया।

जलझूलनी एकादशी के दिन आज अरवल्ली जिला के मोडासा तहसील में बसा वडेश्वर महादेव के मंदिर में जन्माष्टमी के दिन से भगवान विष्णु के अवतार लालजी की मूर्ति को झूला में झुलाया था।

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 जलझूलनी एकादशी के दिन आज अरवल्ली जिला के मोडासा तहसील में बसा  वडेश्वर महादेव के मंदिर में जन्माष्टमी के दिन से भगवान विष्णु के अवतार लालजी की मूर्ति को झूला में झुलाया था।   तो आज जलझूलनी एकादशी के दिन भक्तो के साथ मेष्वो नदी में स्नान करा के उनकी मूल स्थान पर स्थापित किया। आज यह अवसर पर क्षेत्र के पास के गांव के भक्त जुड़े  ओर यह उत्सव पर भक्तिमय माहौल हुआ।  यह अवसर पे संत श्री भरतदास महराज ने विश्व कल्याण के आशीर्वाद दिया।

जलझूलनी एकदशी व्रत को दौरान भी भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना होती है. इस दिन भगवान विष्ण को वामन अवतार की पूजा होती है।

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जलझूलनी एकदशी व्रत को दौरान भी भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना होती है. इस दिन भगवान विष्ण को वामन अवतार की पूजा होती है। जलझूलनी एकादशी तिथि और शुभ मुहूर्त एकादशी तिथि प्रारंभ- सितम्बर 06, 2022, मंगलवार, प्रातः 05:54 से एकादशी तिथि समाप्त -सितम्बर 07, 2022, बुधवार प्रातः 03:04 बजे जलझूलनी/परिवर्तिनी एकादशी पारण समय- 8 सितम्बर, गुरुवार, प्रातः 06:02 से 08:33 तक। जलझूलनी एकादशी का महत्व धार्मिक मान्ताओं के अनुसार, जलझूलनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु जो कि चातुर्मास के दौरान योग निद्रा में होते हैं, वे शयन के दौरान करवट बदलते हैं. स्कंद पुराण में इस बात का जिक्र किया गया है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस एकादशी के व्रत को करने से वाजपेय यज्ञ के समान पुण्यफल की प्राप्ति होती है. मान्यता यह भी है को जो भक्त भाद्रपद शुक्ल एकादशी का व्रत और पूजन करते हैं, उन्हें ब्रह्मा, विष्णु सहित तीनों लोकों में पूजन का फल प्राप्त होता है।

शिक्षक दिवस पर विशेष रिपोर्ट

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शिक्षक दिवस पर विशेष रिपोर्ट धरती पर दूसरे माता पिता का दर्जा गुरु को दिया गया है। हमारे जीवन में शिक्षकों को सबसे महत्वपूर्ण रोल है, क्योंकि वे हमें न सिर्फ किताबी ज्ञान देते हैं, बल्कि वे प्रैक्टिकली आने वाली चुनौतियों के लिए हमें जागरूक और तैयार भी करते हैं।  देखा जाए तो हर वह इंसान शिक्षक है जिससे आप नैतिक चीजें सीखने को पाते हैं। घर में मां बाप या बड़ा भाई बहन या कोई अन्य, स्कूल में टीचर, कॉलेज में प्रोफेसर यहां तक कि आप अपने सहपाठी या कलीग से भी आए दिन सीखने को पाते हैं, यह सभी शिक्षण का हिस्सा है। यह सीखने समझने की कला हजारों साल से चली आ रही है, ऐसे में हम हमेशा से शिक्षण या शिक्षक के आसपास रहे हैं। इस दिन सन् 1888 को स्वतंत्र भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था। वे दूसरे राष्ट्रपति होने के अलावा पहले उपराष्ट्रपति, एक दार्शनिक, प्रसिद्ध विद्वान, भारत रत्न प्राप्तकर्ता, भारतीय संस्कृति के संवाहक, शिक्षाविद और हिन्दू विचारक थे। उनका हमेशा से मानना था कि शिक्षा के प्रति सभी को समर्पित रहना चाहिए, निरंतर सीखने की प्

527 भारतीय जवानों के बलिदान की निशानी है कारगिल विजय दिवस।

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पाकिस्तान की धोखेबाजी और 527 भारतीय जवानों के बलिदान की निशानी है करगिल विजय दिवस।  मई-जुलाई 1999 के बीच जम्मू-कश्मीर के करगिल जिले में नियंत्रण रेखा (LoC) पर लड़ा गया था, जिसमें भारत को जीत मिली थी। यह दिन करगिल युद्ध के उन शहीद जवानों को समर्पित है, जिन्होंने अपनी शहादत देकर पाकिस्तान से अपनी जमीन वापस ली थी। Kargil Vijay Diwas भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए युद्ध को जीतने की याद में प्रत्येक साल 26 जुलाई को करिगल विजय दिवस मनाया जाता है। इस युद्ध में भारत ने दोबारा अपने उन दुर्गम स्थानों पर कब्जा हासिल किया जिसपर पाकिस्तानी सेना ने कब्जा कर लिया था। करगिल की लड़ाई को ऑपरेशन विजय नाम दिया था जो 60 दिनों से ज्यादा चली थी और 26 जुलाई को खत्म हुई थी। करगिल विजय दिवस करगिल के द्रास सेक्टर और नई दिल्ली में मनाया जाता है जहां प्रधानंमत्री अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि देते हैं देशभर में कई स्थानों पर इससे जुड़े कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। करगिल युद्ध के दौरान 527 भारतीय जवान शहीद हुए थे। शिमला समझौते के

चॉकलेट खाने से 6 साल की बच्ची की मौत!

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चॉकलेट खाने से 6 साल की बच्ची की मौत! चॉकलेट खाना सभी बच्चों को पसंद होता है।  कई बार घर आने पर परिवार के बच्चों के लिए बड़े-बुजुर्ग चाकलेट लेकर आते हैं।  लेकिन कई बार चॉकलेट जानलेवा भी साबित होती है।  ऐसा ही एक मामला कर्नाटक से सामने आया है।  जहां एक छह साल की बच्ची की चॉकलेट खाने से मौत हो गई।  घटना की जानकारी मिलने से आसपास के बच्चों व अभिभावकों में भय का माहौल है।  दरअसल यह चौंकाने वाला मामला कर्नाटक के उडुपी जिले से सामने आया है।  उडुपी के बांदूर कस्बे के पास बिजूर गांव में बुधवार को चॉकलेट निगलने से छह साल की बच्ची की मौत हो गई.  मृतक छात्र की पहचान विवेकानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल की कक्षा 1 की छात्रा समनवी के रूप में हुई है।  पुलिस के मुताबिक घटना उस वक्त हुई जब बच्ची अपने घर के पास एक स्कूल बस में बैठी थी.  मां ने दी चॉकलेट, अब रो रही है उसकी हालत खराब-  घटना को लेकर बताया जा रहा है कि बुधवार को सामन्वी स्कूल जाने को तैयार नहीं थी.  लेकिन माता-पिता और परिवार के सदस्यों ने उसे स्कूल जाने के लिए मना लिया।  उनकी मां सुप्रीता पुजारी ने उन्हें जश्न मनाने के लि