अगस्त्य तारा से जुड़ा मान्यता

अगस्त्य तारा से जुड़ा मान्यता अगस्त्य तारा बुधवार 25 मई को शाम करीब 6 बजे अस्त हो जाएगा। दक्षिण के सबसे चमकीले तारों में से एक को अगस्त्य तारा (कैनोपस) कहा जाता है। तारे को जनवरी से अप्रैल तक दक्षिण दिशा में आसानी से देखा जा सकता है। इस अवधि के दौरान इसके आसपास कोई अन्य चमकीला तारा नहीं होता है। यह तारा भारत के दक्षिणी क्षितिज पर देखा जाता है और अंटार्कटिका में ऊपर की ओर पाया जाता है। यह तारा पृथ्वी से लगभग 180 प्रकाश वर्ष दूर है। एक प्रकाश वर्ष लगभग 95 बिलियन किमी के बराबर होता है। यह तारा (अगस्त्य तारा) सूर्य से लगभग सौ गुना बड़ा है। अगस्त्य तारा की कथा अगस्त्य मुनि से जुड़ी है। जानिए अगस्त्य तारा से जुड़ी मान्यताएं अगस्त्य तारा से जुड़ा मान्यता आचार्य वराहमिहिर के सिद्धांत के अनुसार, सूर्य और अगस्त्य तारा के कारण बादल वाष्पीकरण के कारण वर्षा के लिए तैयार हो जाता है। जैसे ही अगस्त्य तारा अस्त होता है, मई के अंतिम सप्ताह में केरल से बारिश शुरू हो जाती है और जून के अंतिम सप्ताह मे...