527 भारतीय जवानों के बलिदान की निशानी है कारगिल विजय दिवस।
पाकिस्तान की धोखेबाजी और 527 भारतीय जवानों के बलिदान की निशानी है
करगिल विजय दिवस।
मई-जुलाई 1999 के बीच जम्मू-कश्मीर के करगिल जिले में नियंत्रण रेखा (LoC) पर लड़ा गया था, जिसमें भारत को जीत मिली थी। यह दिन करगिल युद्ध के उन शहीद जवानों को समर्पित है, जिन्होंने अपनी शहादत देकर पाकिस्तान से अपनी जमीन वापस ली थी।
Kargil Vijay Diwas
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए युद्ध को जीतने की याद में प्रत्येक साल 26 जुलाई को करिगल विजय दिवस मनाया जाता है। इस युद्ध में भारत ने दोबारा अपने उन दुर्गम स्थानों पर कब्जा हासिल किया जिसपर पाकिस्तानी सेना ने कब्जा कर लिया था। करगिल की लड़ाई को ऑपरेशन विजय नाम दिया था जो 60 दिनों से ज्यादा चली थी और 26 जुलाई को खत्म हुई थी। करगिल विजय दिवस करगिल के द्रास सेक्टर और नई दिल्ली में मनाया जाता है जहां प्रधानंमत्री अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि देते हैं देशभर में कई स्थानों पर इससे जुड़े कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।
करगिल युद्ध के दौरान 527 भारतीय जवान शहीद हुए थे। शिमला समझौते के तहत दोनो देश ठंड के समय अग्रिम चौकियों से अपने सैनिकों को हटा लेते हैं लेकिन पाकिस्तान ने इस समझौते का गलत फायदा उठाते हुए भारत के इलाकों पर कब्जा कर लिया। जिसका पता लगने पर भारतीय सैनिकों ने जवाबी कार्रवाई की।
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