जलझूलनी एकदशी व्रत को दौरान भी भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना होती है. इस दिन भगवान विष्ण को वामन अवतार की पूजा होती है।

जलझूलनी एकदशी व्रत को दौरान भी भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना होती है. इस दिन भगवान विष्ण को वामन अवतार की पूजा होती है।


जलझूलनी एकादशी तिथि और शुभ मुहूर्त

एकादशी तिथि प्रारंभ- सितम्बर 06, 2022, मंगलवार, प्रातः 05:54 से

एकादशी तिथि समाप्त -सितम्बर 07, 2022, बुधवार प्रातः 03:04 बजे

जलझूलनी/परिवर्तिनी एकादशी पारण समय- 8 सितम्बर, गुरुवार, प्रातः 06:02 से 08:33 तक।


जलझूलनी एकादशी का महत्व


धार्मिक मान्ताओं के अनुसार, जलझूलनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु जो कि चातुर्मास के दौरान योग निद्रा में होते हैं, वे शयन के दौरान करवट बदलते हैं. स्कंद पुराण में इस बात का जिक्र किया गया है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस एकादशी के व्रत को करने से वाजपेय यज्ञ के समान पुण्यफल की प्राप्ति होती है. मान्यता यह भी है को जो भक्त भाद्रपद शुक्ल एकादशी का व्रत और पूजन करते हैं, उन्हें ब्रह्मा, विष्णु सहित तीनों लोकों में पूजन का फल प्राप्त होता है।



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