TOP HEADLINES NEWS

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1)
 दिल्ली में कोचिंग हादसे के बाद मध्य प्रदेश हुआ सतर्क, इंदौर में कोचिंग एवं लाइब्रेरी में सुरक्षा प्रबंधों की होगी जांच

इंदौर।

 पिछले दिनों दिल्ली में हुई घटना को देखते हुए जिला प्रशासन शहर में बेसमेंट और बड़े भवनों में चल रही कोचिंग क्लासेस, लाइब्रेरी और अन्य संस्थाओं की जांच कराएगा। इसके लिए दल गठित किया जाएगा, जो जीवन सुरक्षा प्रबंध और मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराएगा।
दल में प्रशासन, पुलिस, नगर निगम, अग्नि सुरक्षा व विद्युत सहित अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहेंगे। यह दल निरीक्षण कर आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराएगा। समय पर व्यवस्थाएं नहीं करने वाली संस्थाओं के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
कलेक्टर कार्यालय में आयोजित टीएल बैठक कलेक्टर आशीष सिंह की अध्यक्षता में हुई। इसमें कलेक्टर ने कोचिंग सस्थानों की जांच के लिए दल जल्द गठित कर कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दिए। दल के नोडल अधिकारी अपर कलेक्टर रोशन राय होंगे। दल में एसडीएम, एसीपी सहित अन्य अधिकारी होंगे।
बैठक में कलेक्टर ने अग्नि सुरक्षा प्रबंध सुनिश्चित कराने के लिए चलाए जा रहे अभियान को पुन: गति प्रदान करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इंदौर में सड़क और फुटपाथों को अतिक्रमण मुक्त करने के अभियान को तेज किया जाए।

2)
बेटे को बचाने की कोशिश में मां और बहन ने गंवाई जान, एक ही परिवार के तीन लोग नर्मदा नदी में डूबे


खरगोन। जिले के महेश्वर में स्थित मंडाल खोर घाट में स्नान के दौरान नर्मदा में डूबने से एक ही परिवार के तीन लोगों मौत के गाल में समा गए। 
हृदय विदारक हादसे में महिला सहित बेटा-बेटी की नर्मदा नदी में डूबने से मौत हो गयी। 
जानकारी के मुताबिक नर्मदा स्नान के दौरान 18 वर्षीय बेटा विक्रम नदी में डूबने लगा, जिसे बचाने मां और उसकी बहन भी नदी में उतर गई। तीनों को तैरना नहीं आता था, जिसके कारण तीनों ही नदी में डूब गए। मां और बेटी का शव निकाल लिया गया है। जबकि, विक्रम के शव की तलाश की जा रही है।
बता दे कि इंदौर के अरविंदो सांवेर रोड ई-सेक्टर के रहने वाले राजपूत परिवार के पांच लोग महेश्वर घूमने आए हुए थे। बुधवार सुबह लगभग 11 बजे सभी महेश्वर पहुंचने के बाद एकांत मंडाल खोर घाट में नर्मदा स्नान कर रहे थे। स्नान के दौरान 18 वर्षीय विक्रम राजपूज डूबने लगा। विक्रम को डूबता देख उसकी माँ उर्मिला राजपूत (45) और बहन मोहिनी (25) हाथ पकड़ कर बचाने की कोशिश करने लगीं। बचाने की कोशिश में तीन गहरे पानी में पहुंच गए, लेकिन तैरना नहीं आने के कारण तीनों की डूबने से मौत हो गई।
घाट पर ऊंचाई बैठकर मोबाइल चलाते हुए, कुछ देर के बाद बड़े भाई अमन राजपूत (22) ने जब मां और बहन के शव को पानी में तैरते देखा, तो इसकी सूचना गोताखोरों को दी। इसके बाद गोताखोरों ने मां और बहन के शव को निकाल लिया, जबकि विक्रम राजपूत के शव की तलाश की जा रही है। जान गवाने वाली बहन मोहिनी का डेढ़ माह का बेटा भी है।
घटना की जानकारी मिलते महेश्वर थाना प्रभारी पंकज तिवारी, एसडीएम अनिल जैन, तहसीलदार राकेश सस्तिया मौके पर पहुंचे और घटना की जांच की। दोनों महिलाओं को शवों को पोस्टमार्टम के लिए महेश्वर अस्पातल भेजा गया।

3)
"सफल" से पता चलेगा बच्चों के सीखने का लेवल, इंदौर के 20 फीसदी विद्यालयों ने ही कराया पंजीयन 


इंदौर। विद्यालयों में विद्यार्थियों की शैक्षणिक गुणवत्ता पता करने के लिए सीबीएसई बाेर्ड ने तीन वर्ष पूर्व "स्ट्रक्चर्ड असेसमेंट फॉर एनालिसिस लर्निंग" यानी सफल टेस्ट शुरू किया था। 
इस बार "सफल" को पायलेट प्रोजेक्ट के तहत लागू किया गया है। इसमें जनवरी में विद्यालयों को इस ऑनलाइन टेस्ट के लिए पंजीयन कराना था। हालांकि, तय मानक पूरे नहीं होने के चलते इंदौर के करीब 20 फीसदी विद्यालयों ने ही पंजीयन करवाया है।
"सफल" टेस्ट 22 जुलाई से प्रारम्भ हो चुके हैं, जाे 12 अगस्त तक चलेंगे। 
बता दे कि सीबीएसई की तरफ से नर्सरी से लेकर आठवीं कक्षा तक छात्र-छात्राओं का मूल्यांकन करने के लिए "सफल" ऑनलाइन टेस्ट प्रारम्भ किया गया है। इस बार यह टेस्ट तीसरी, पांचवीं, छठीं और आठवीं क्लास के विद्यार्थियों का लिया जा रहा है।
इस टेस्ट में विद्यार्थी कितना सीख रहे हैं, उनकी योग्यता, दक्षता आदि का आकलन किया जाएगा। इस बार सफल टेस्ट के लिए जिले से 20 से अधिक स्कूलों में तीन स्लॉट में परीक्षा चल रही है। यह टेस्ट अंग्रेजी, गणित एवं विज्ञान विषय में लिया जा रहा है।
सीबीएसई मामलों के विशेषज्ञ उत्तम कुमार झा ने बताया कि "सफल" के लिए सीबीएसई ने मानक तय किए हैं। यह टेस्ट ऑनलाइन होते हैं। इसलिए स्कूल में एडवांस कम्प्यूटर सेटअप होना जरूरी है। सभी स्कूलों को "सफल" में शामिल होना चाहिए, लेकिन मानदंड पूरे नहीं होने से कम स्कूलों ने ही पंजीयन कराया है।
यह टेस्ट इसलिए भी जरूरी है, ताकि बच्चों को सही तरीके से मूल्यांकन हो सके। छात्र एक कक्षा से अगली कक्षा में तो आ जाते हैं, लेकिन कई बार सिलेबस के अनुसार सीख नहीं पाते हैं। 
सीबीएसई मामलों के विशेषज्ञ श्याम अग्रवाल ने बताया कि "सफल" को पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया है। तीन स्लॉट में हो रहे टेस्ट में एक घंटे में विषयवार 20 से 30 प्रश्न पूछे जा रहे हैं। यह प्रोजेक्ट पूरे देशभर में चल रहा है।
सीबीएसई ने जो सर्कुलर जारी किया है। उसके अनुसार, "सफल" प्रोजेक्ट का मकसद सिर्फ विद्यार्थियों की दक्षताओं का आकलन करना है। यह न तो प्रतियोगिता है और न ही परीक्षा है। 
"सफल" टेस्ट का उद्देश्य विद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षण व्यवस्था को बेहतर करना है। सफल योग्यता आधारित मूल्यांकन है।
इसके लिए किसी विशेष प्रकार की कक्षा लेने या तैयारी करने की जरूरत नहीं है। सभी प्रतिभागी विद्यालयों को केवल विद्यालय-स्तरीय दक्षता रिपोर्ट ही प्रदान की जाएगी। संबंधित विद्यालय केवल खुद की सफल रिपोर्ट ही देख सकेगा। वही "सफल" की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की जाएगी।

4)
दो अस्पताल सहित मॉल, कोचिंग संस्था के बेसमेंट को प्रशासन ने किया सील



जबलपुर। विगत दिनों हुए दिल्ली के बेसमेंट हादसे को लेकर अब मध्यप्रदेश सरकार ने भी कार्रवाई करना प्रारम्भ कर दिया है। 
जबलपुर नगर निगम आयुक्त प्रीति यादव के निर्देश पर नगर निगम टीम ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए शहर के दो बड़े अस्पताल और एक फर्नीचर मॉल के बेसमेंट एरिया को सील कर दिया है। अस्पताल के बेसमेंट में जहां वाहनों की पार्किंग होना चाहिए था, वहां पर अस्पताल में वार्ड बना हुआ था, वही, खंडेलवाल मॉल की पार्किंग में सामान से भरा हुआ था। 
नगर निगम की टीम ने शहर के आशीष अस्पताल, महाकौशल अस्पताल एवं खंडेलवाल फर्नीचर मॉल के बेसमेंट को सील कर दिया है।
नगर निगम आयुक्त प्रीति यादव ने अपील किया है कि जो भी भवन में बेसमेंट का गलत उपयोग कर रहा है, उसे ठीक कर ले नहीं आने वाले समय पूरी बिल्डिंग को ही सील कर दिया जाएगा। 
जबलपुर नगर निगम आयुक्त प्रीति यादव के निर्देश पर हुई कार्रवाई से हड़कंप मच गया है, उन्होंने कहा कि अब जबलपुर शहर में पार्किंग व्यवस्था ठीक करने के लिए लगातार कार्रवाई जारी रहेगी। 
बता दे कि नगर निगम ने ऐसे अस्पताल और प्रतिष्ठान जो कि बेसमेंट की पार्किंग का गलत उपयोग कर रहे है नोटिस दिया था, इसके बाद भी जब हालात नहीं सुधरे तो सील करने की कार्रवाई की जाएगी।
दिल्ली में हुए हादसे के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के निर्देश पर प्रदेश में कार्रवाई होना शुरू हो गई है। 
बुधवार को नगर निगम की टीम ने एक साथ दो अस्पताल, मॉल और कोचिंग इंस्टीट्यूट के खिलाफ कार्रवाई करते हुए बेसमेंट को सील कर दिया है। 
नगर निगम के भवन अधिकारी की टीम ने बताया कि जांच के दौरान देखा कि महाकौशल अस्पताल का जो पुराना स्वीकृत नक्शा है, उसमें आधा बर्न वार्ड है और आधे में पार्किंग। लेकिन महाकौशल अस्पताल प्रबंधन ने आधे में अकाउंट ऑफिस और आधे में डॉक्टरो के बैठने की व्यवस्था कर रखी थी।
नगर निगम की टीम ने महाकौशल अस्पताल के बेसमेंट में बने कमरे को सील कर दिया है। इसी तरह से आशीष अस्पताल के बेसमेंट में भी डॉक्टरो के बैठने की व्यवस्था कर रखी थी, जबकि वहां पर वाहन पार्किंग होना था। 
नगर निगम टीम ने जांच के दौरान यह भी पाया कि आशीष अस्पताल की वाहन पार्किंग सड़क पर हो रही थी।
दो अस्पतालों के बेसमेंट की सील करने के बाद नगर निगम की टीम करमचंद चौक स्थित खंडेलवाल फर्नीचर मॉल पहुंची जहां पर देखा कि बेसमेंट मे जहा वाहन पार्किंग होना था वहां पर समान भरा हुआ है। नगर निगम की टीम ने पाया कि बिल्डिंग के नीचे बेसमेंट पर चारो तरफ समान भरा हुआ है। नगर निगम की टीम ने के बेसमेंट को सील कर दिया है। इसके साथ ही नगर निगम की टीम आकाश कोचिंग भी पहुंची जहां पर कि फायर से संबंधित खामियां थी, लिहाजा आकाश कोचिंग के खिलाफ भी कार्रवाई की गयी है।

5)
डेयरी प्रोडक्ट फैक्टरी के संचालक के ठिकानो पर ईओडब्लू की दबिश 



भोपाल। 
आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्लू) ने फर्जी तरीके से डेयरी प्रोडक्ट विदेश भेजने मामले में बुधवार को जयश्री गायत्री फूड्स प्राइवेट लिमिटेड (पनीर फैक्टरी) के मालिकों के ठिकानों पर छापेमारी कार्यवाही को अंजाम दिया है। 
25 से ज्यादा अधिकारी भोपाल और सीहोर में 12 से ज्यादा ठिकानों पर कार्रवाई कर रहे हैं।
इनमें शाहपुरा और 10 नंबर स्टॉप स्थित घर, दफ्तर और सीहोर स्थित फैक्ट्री भी शामिल है। यहां से अहम दस्तावेज और फाइलें जब्त की गई हैं। साथ ही कंपनी के मालिकों से पूछताछ की जा रही है।
जानकारी के मुताबिक फैक्टरी के डायरेक्टर किशन मोदी हैं। इनके साथ फैक्टरी के अन्य अधिकारी पारुल मोदी और राजेंद्र मोदी पर 24 जुलाई को ईओडब्लू में एफआईआर दर्ज की गई थी। इन पर विदेश में सप्लाई किए जाने वाले डेयरी प्रोडक्ट के सर्टिफिकेट फर्जी तरीके से तैयार करने का आरोप है। 
बता दे कि छापेमारी कार्यवाही एक दर्जन से अधिक ठिकानों पर चल रही है।
दरअसल, सीहोर के पिपलिया मीरा स्थित जयश्री गायत्री फूड्स प्राइवेट लिमिटेड (पनीर फैक्टरी) को प्रशासन ने 16 जुलाई को बंद करा दिया था। जिला प्रशासन ने यह कार्रवाई मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेश पर की थी। 
कलेक्टर प्रवीण सिंह के निर्देश पर बिजली कंपनी ने बिजली कनेक्शन काट दिया था, जिससे उत्पादन बंद हो गया था। अब फैक्टरी जब तक चालू नहीं होगी, तब तक कि उद्योग जल प्रदूषण नियंत्रण की पूर्ण व्यवस्था नहीं करता है।
जयश्री गायत्री फूड्स कंपनी पर जिला प्रशासन द्वारा यह दूसरी बार सख्त कार्रवाई की गई है। इससे पहले, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 1 करोड़ 20 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था।

6)
केन्या से आए छह सदस्यीय विशेषज्ञ दल ने गांधीसागर अभयारण्य का किया निरीक्षण, जल्द लाये जाएंगे चीते


मंदसौर। 
भारत सरकार की चीता पुनर्स्थापना योजना के अंतर्गत गांधीसागर अभयारण्य में चीते बसाने की तैयारी अब तेजी से पूरी हो रही है। अब तक हो चुकी तैयारियां पर्याप्त मानी जाती हैं, तो जल्द ही गांधीसागर अभयारण्य में चीते दौड़ते दिखेंगे।
तैयारियों को देखने केन्या से आए छह सदस्यीय विशेषज्ञ दल ने गांधीसागर का निरीक्षण किया। 
विशेषज्ञों ने 6400 हेक्टेयर में बने बाडे, क्वारंटाइन बाड़ों, हाई मास्ट कैमरा, जलस्रोत मानीटरिंग के लिए बनाए गए स्थल और उपचार केंद्र सहित सभी तैयारियां देखीं।
इससे पूर्व दक्षिण अफ्रीका के दल ने भी अप्रैल में गांधीसागर अभयारण्य का निरीक्षण किया था। इसके बाद कुछ सुझाव वन विभाग को दिए गए। 
गांधीसागर एवं कुनो प्रबंधन ने केन्या दल के विशेषज्ञों की मौजूदगी में तैयारियों और कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीता प्रोजेक्ट के संबंध में प्रस्तुतिकरण दिया।
भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून एवं नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अर्थारिटी के विशेषज्ञों द्वारा भारत में वन्यप्राणियों की मानीटरिंग के लिए उपयोग किए जा रहे उपकरणों एवं तकनीकी के संबंध में भी दल को अवगत कराया गया।
गौरतलब है कि भारत से विलुप्त हो चुके चीतों को पुनः बसाने के लिए भारत सरकार द्वारा दक्षिण अफ्रीका एवं नामीबिया के साथ पूर्व में ही एमओयू हस्ताक्षरित किया जा चुका है। वर्तमान में केन्या से आए दल द्वारा भी चीता पुनर्स्थापना के लिए चयनित स्थलों को भ्रमण किया जा रहा है, ताकि भविष्य में केन्या के साथ भी चीता के संबंध में आवश्यक कार्रवाई की जा सके, जो भारत में चीता पुनर्स्थापना एवं इनके संरक्षण के लिए चीता प्रोजेक्ट के माध्यम से किए जा रहे प्रयासों को और अधिक बल देगी।
गांधीसागर अभयारण्य के अधीक्षक राजेश मंडवारिया ने बताया कि केन्या से आए दल ने दो दिनों तक गांधीसागर अभयारण्य में चीतों को बसाने के लिए की गई सभी तैयारियों का निरीक्षण किया है। हमने लगभग सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। संभावना है कि जल्द ही गांधीसागर में चीते आएंगे।

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