TOP 5 HEADLINES NEWS

TOP 5 HEADLINES NEWS 
1)
कंवाडियों से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली पलटने से की मौत, दस घायल 

मुरैना। जिले के ग्राम देवरी में टैंकर की टक्कर के बाद कांवड़ियों से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली पलट गई। ट्रॉली के नीचे दबने से दो कांवड़ियों की मौत हो गई। 10 कांवड़िए घायल हो गए। इनमें तीन गंभीर घायलों को ग्वालियर रेफर किया गया है। 

सभी लोग सोरों से कांवड़ भरकर ला रहे थे। 
हादसा सोमवार सुबह करीब 5:30 बजे देवरी क्षेत्र में हुआ।
घटना के बाद गुस्साए लोगों ने हाईवे पर चक्काजाम कर दिया। करीब आधे घंटे तक वाहनों की कतार लगी रही। पुलिस की समझाइश के बाद मामला शांत हो सका।
बता दे कि मुरैना के सिंहोनिया क्षेत्र में खड़ियाहार के पास गड़िया गांव के 18 लोग कांवड़ लाने के लिए सोरों गए थे। सभी लोग जल भर कर वापस लौट रहे थे। उनके साथी पैदल कांवड़ लेकर चल रहे थे, जबकि बाकी ट्रैक्टर-ट्रॉली में बैठे थे। इसी दौरान सोमवार सुबह करीब 5:30 बजे देवरी गांव के पास ग्वालियर की तरफ से आ रहे टैंकर ने ट्रैक्टर-ट्रॉली में टक्कर मार दी।
हादसे में छोटू पिता भरतलाल (37) एवं आशु पिता रामनरेश शर्मा (26) ट्रॉली के नीचे दब गए। इससे उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। वहीं, 10 लोग घायल हो गए। 
सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायलों को मुरैना जिला अस्पताल भिजवाया। जहां से तीन गंभीर घायलों को ग्वालियर रेफर किया गया है।
घटना के बाद मौके पर मौजूद कांवड़िए सड़क पर बैठ गए। उन्होंने जाम लगा दिया। उनके साथ आसपास के ग्रामीण आ गए। आधे घंटे में सड़क पर वाहनों की कतार लग गई। 
जिसके बाद अति. पुलिस अधीक्षक अरविंद ठाकुर मौके पर पहुंचे। उन्होंने कांवड़ियों को समझाया, तब कहीं जाकर हालात सामान्य हो सके।

2)
उज्जैन
चंद्रमौलेश्वर स्वरूप में नगर भ्रमण पर निकले भगवान महाकाल, सावन में महाकाल की दूसरी सवारी

उज्जैन। सावन माह के द्वितीय सोमवार को महाकाल मंदिर से भगवान महाकाल की दूसरी सवारी निकाली गई। 
भगवान की सवारी निकलने से पूर्व भगवान महाकाल के चंद्रमौलेश्वर रूप का सभा मंडप में पूजन किया गया। सभामंडप में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने भी सपत्नीक भगवान महाकालेश्‍वर का पूजन-अर्चन किया। 
बाबा महाकाल चांदी की पालकी में चंद्रमौलेश्वर और हाथी पर मनमहेश रूप में सवार होकर भ्रमण पर निकले।
सावन की दूसरी सवारी में आज भक्तों को भगवान महाकाल दो रूपों का दर्शन हुए। अवंतिकानाथ चांदी की पालकी में चंद्रमौलेश्वर तथा हाथी पर मनमहेश रूप में सवार होकर भक्तों को दर्शन देने निकले। 
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के प्रतिनिधि के रूप में केबिनेट मंत्री प्रहलाद पटेल महाकाल मंदिर से शिप्रा तट तक सवारी में पैदल शामिल हुए। शिप्रा तट पर प्रहलाद पटेल के द्वारा भगवान का अभिषेक पूजन किया गया।
सवारी में छिंदवाड़ा व डिंडोरी के जनजातीय कलाकारों का दल भी शामिल रहा। शिप्रा तट पर दत्त अखाड़ा घाट पर भोपाल के 350 जवानों ने पुलिस बैंड शिव भक्ति के मधुर स्वर लहरियों की मनमोहक प्रस्तुति दी। 
बता दे कि इस वर्ष मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की योजना के तहत हर सवारी में जनजातीय कलाकारों को शामिल किया गया जिन्होने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से सवारी को और भी विशेष बनाया।

3)
इंदौर शहर में भी इमारतों के बेसमेंट में कोचिंग, लाइब्रेरी एवं दुकानें, तेज बारिश में भर जाता है पानी, दिल्ली जैसे हादसे का खतरा।

इंदौर
हाल में ही दिल्ली में बेसमेंट में संचालित एक लाइब्रेरी में पानी भरने से तीन विद्यार्थियों की मौत हो गई है। ऐसे हादसे को इंदौर भी निमंत्रण दे रहा है। 
शहर में लगभग 30 प्रतिशत बेसमेंट में लाइब्रेरी, कोचिंग और अन्य दुकानें संचालित हो रही हैं।
नियमानुसार बहुमंजिला भवन में पार्किंग अनिवार्य है। बेसमेंट में पार्किंग, गोडाउन और गार्ड का कमरा ही बनाया जा सकता है। जबकि, जिम्मेदार इन्हें नजरअंदाज कर रहे हैं। इसका खामियाजा किसी भी दिन आम जनता को भुगतना पड़ सकता है।
इंदौर शहर के भंवरकुआं, गीता भवन, नौलखा, टॉवर चौराहा आदि क्षेत्रों में बड़ी संख्या में कोचिंग और लाइब्रेरी हैं। इन क्षेत्रों में अधिकांश बिल्डिंग के बेसमेंट का उपयोग भी इसी व्यवसाय के लिए किया जाता है। इनमें सैकड़ों विद्यार्थी बैठे रहते हैं।
कई बार जब तेज बारिश होती है तो इनके बेसमेंट में भी पानी भरने लगता है। भंवरकुआं क्षेत्र के सुंदरम कांप्लेक्स में करीब 50 कोचिंग व लाइब्रेरी संचालित होती हैं, इसके बेसमेंट में वर्तमान में पानी भरा हुआ है। लेकिन संचालक ध्यान नहीं दे रहे। वहीं जिम्मेदार अधिकारी भी कार्रवाई करने से बच रहे हैं। विष्णुपुरी स्थित उदयराज बिल्डिंग के बेसमेंट में भी पानी भरा हुआ है।
इंदौर शहर में नियम कायदों को ताक पर रखकर बनाए गए कांप्लेक्स, होटल, अस्पताल संचालक आम जनता के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। बिल्डिंग बनाते समय बेसमेंट में पार्किंग दर्शाकर नक्शा पास करवा लेते हैं, लेकिन कुछ समय बाद पार्किंग बिल्डिंग से हटकर सड़क पर आ जाती है।
सिविल इंजीनियर अतुल सेठ के मुताबिक बेसमेंट का उपयोग केवल पार्किंग व गोडाउन के लिए किया जा सकता है। अन्य जो भी व्यवसाय के लिए उपयोग हो रहा है, वह गैरकानूनी है। बेसमेंट में दो रास्ते होना चाहिए, ताकि कोई हादसा हो जाए तो वहां से बाहर निकलने में आसानी रहे। बेसमेंट में स्प्रिंकलर सिस्टम होना चाहिए, ताकि आग लगने की स्थिति में नियंत्रण हो सके। बेसमेंट में पंप भी होना चाहिए, ताकि पानी भरे तो उसे बाहर निकाला जा सके। यदि इन नियमों का पालन नहीं होता है, तो कार्रवाई के दायरे में आते हैं।

4) भोपाल 

पूरे देश के 20 प्रतिशत बाघ हमारे राज्य में हैं - डॉ. मोहन यादव 


भोपाल। 
सूबे के मुखिया डॉ. मोहन यादव ने अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर राजधानी के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वन्य जीवों के संरक्षण के लिए सफल प्रयास हो रहे हैं। आज मध्यप्रदेश में 7 टाइगर रिजर्व हैं। 25 लाख से ज्यादा पर्यटक प्रतिवर्ष प्रदेश में आते हैं। इससे 55 करोड़ से 60 करोड़ रुपयों का राजस्व प्रदेश को प्राप्त होता है। अपनी अर्थ व्यवस्था बदलने के लिए टूरिज्म सेक्टर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जो प्रयास है वह सबसे बड़ी भूमिका निभाएगा। यह प्रयास हमारे पारिस्थितिकी तंत्र को भी सुधारेगा और हमारे जंगल की रक्षा भी करेगा।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि जैसे बाकी राज्यों से हमारी राजधानी विशिष्ट है, ऐसे ही बाघों की संख्या में हम भी विशिष्ट हैं। पूरे देश के 20 प्रतिशत बाघ हमारे राज्य में हैं। वन विभाग ने अनाथ बाघों व शावकों को प्राकृतिक परिवेश में संरक्षित करते हुए कान्हा टाइगर रिजर्व में पुनर्स्थापित किया है। वन विभाग को बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूँ।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने विलेज रीलोकेशन सतपुड़ा मॉडल, कान्हा की कहानियाँ एवं पेंच टाइगर बिहेवियर एक्टिविटी किट-3 पुस्तक का विमोचन किया एवं वन और वन्य प्राणियों के संरक्षण हेतु उत्कृष्ट कार्य करने वाले वन कर्मियों व अधिकारियों को सम्मानित किया। 
इस दौरान वन मंत्री रामनिवास रावत , राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर एवं राज्यमंत्री दिलीप अहिरवार भी मौजूद रहे।

5)
बरगी बांध के सात गेट से छोड़ा गया 35 हजार 552 क्यूसेक पानी

जबलपुर। 

जबलपुर सहित आसपास के जिलों में हो रही ब‍ारिश का असर आम जनजीवन में ही नहीं बल्कि बरगी बांध पर भी पड़ा है। रानी अवंति बाई लोधी सागर परियोजना के तहत बनाए गए बांध का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। इसके चलते बरगी बांध प्रबंधन ने पानी छोड़ने के लिए गेट खोलने का निर्णय लिया है।
सोमवार दोपहर एक बजे रानी अवंति बाई लोधी सागर परियोजना के तहत बनाए गए बरगी बांध के 21 में से सात गेट खोल दिए गए। 
जल स्तर को नियंत्रित करने के लिए सात गेट को औसतन 1.07 मीटर ऊंचाई तक खोला गया है।
इनसे 35 हजार 552 क्यूसेक (घनफीट प्रति सेकंड) पानी की निकासी की गई। इससे नर्मदा का जलस्तर 8 से 10 फीट तक बढ़ गया है। इसे देखते हुए प्रशासन ने गेट खोलने से पहले ही अलर्ट जारी किया था। बांध के निचले क्षेत्र में रहने वालों को नर्मदा तट एवं घाटों से सुरक्षित दूरी बनाने कहा गया है।
बता दे कि वर्तमान में दो हजार 144 घन मीटर प्रति सेकंड बांध में पानी आ रहा है, जिसे देखते हुए इसे नियंत्रित करने सात गेट यानि स्पिल-वे को 1.07 मीटर औसत ऊंचाई तक खोला गया। इनसे एक हजार सात घन मीटर प्रति सेकंड जल की निकासी हुई। वहीं बांध में आ रहे पानी को देखते हुए जल निकासी की मात्रा को घटाया या बढ़ाया भी जा सकता है।
जबलपुर में अब तक कुल 636.5 मिलीमीटर यानी 25 इंच वर्षा हो चुकी है। यानी वर्षा ने 50 प्रतिशत आंकड़ा पूरा कर लिया है। जबलपुर में औसतन 1320 मिलीमीटर यानी करीब 52 इंच वर्षा होती है। इस लिहाज से औसतन आधी वर्षा हो चुकी है।
कार्यपालन यंत्री बरगी बांध अजय सूरे ने बताया कि बारिश के कारण बांध का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। रविवार को सुबह 9 बजे बांध का जलस्तर 418.15 मीटर हो गया था, जो बांध के जलस्तर का करीब 62 प्रतिशत है। बांध में पानी की बढ़ती स्थिति को देखते हुए सोमवार दोपहर करीब एक बजे तक जलस्तर 419 मीटर तक हो गया था। जबकि 418 मीटर तक ही रखना है।







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