एक मई: स्थापना दिवस मना रहे गुजरात और महाराष्ट्र, आज ही के दिन दोनों राज्यों का हुआ था गठन
एक मई: स्थापना दिवस मना रहे गुजरात और महाराष्ट्र, आज ही के दिन दोनों राज्यों का हुआ था गठन।
- आजादी के बाद गुजरात राज्य बॉम्बे स्टेट का हिस्सा था
- 1 मई, 1960 को पुर्नगठन में अलग राज्य बनाया गया
- गुजरात राज्य बनाने का श्रेय इंदुलाल याज्ञनिक को है
- महागुजरात आंदोलन के बाद गुजरात राज्या बना था।
1 मई 1960 को बॉम्बे स्टेट से अलग होकर गुजरात राज्य की स्थापना हुई थी। इसके साथ ही देश के मानचित्र में महाराष्ट्र राज्य भी अस्तित्व में आया था।
महागुजरात आंदोलन (Mahagujarat Movement) के बाद गुजरात राज्य बनने का रास्ता साफ हुआ था। इसका श्रेय इंदुलाल याज्ञनिक (Indulal Yagnik) को दिया जाता है। वे लोगों में इंदु चाचा के नाम से लोकप्रिय थे। आजादी के कुछ सालों बाद ही अलग गुजरात राज्य मांग उठने लगी थी। साल 1955-56 के आसपास इस मांग ने जोर पकड़ा। तब केंद्र में जवाहर लाल नेहरू प्रधानमंत्री थे। शुरुआत में उन्होंने इस मांग को अनदेखा किया, लेकिन जब गुजरात में अलग राज्य की मांग ने और उग्र हुई तो फिर केंद्र और तत्कालीन बॉम्बे राज्य की सरकार को मांग स्वीकार करनी पड़ी। इसके साथ 1 मई के दोनों राज्य अस्तित्व में आए। जिस भाग में गुजराती भाषा बोली जाती थी। उसे गुजरात का हिस्सा बनाया गया और जो भाग मराठी भाषी था। उसे महाराष्ट्र में रखा गया।
- 1955 के साल में धीरे-धीरे अलग गुजरात राज्य की मांग ने जोर पकड़ा
- अगस्त, 1956 को इंदुलाल याज्ञनिक ने महागुजरात आंदोलन छेड़ दिया
- 1 मई, 1960 को बॉम्बे राज्य से अलग होकर गुजरात-महाराष्ट्र राज्य बने
गुजरात राज्य की स्थापना के साथ डॉ. जीवराज मेहता को मुख्यमंत्री बनाया गया और अहमदाबाद राज्य की पहली राजधानी बनी। दो साल राज्य में पहले विधानसभा चुनाव हुए तो 15 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस को 113 सीटों पर जीत मिली। स्वतंत्रता पार्टी को 26 और प्रजा सोशलिस्ट पार्टी को 7 और नूतन महा गुजरात परिषद् को सिर्फ 1 सीट मिली। पार्टी को 7.74 फीसदी वोट मिले।गुजरात राज्य के निर्माता इंदुलाल याज्ञनिक की पार्टी जनता परिषद् को सफलता नहीं मिली। स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े याज्ञनिक अहमदाबाद से कई बार लोकसभा के लिए चुने गए। गुजरात के वरिष्ठ समाजशास्त्री डॉ. जयेश शाह कहते हैं निश्चित तौर पर गुजरात ने पिछले छह दशकों ने विकास की एक लंबी यात्रा तय की है। आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात से हैं। इससे पहले मोरार जी देसाई बतौर गुजराती देश के प्रधानमंत्री बने। गांधी और पटेल की इस भूमि को अलग राज्य का दर्जा दिलाने का श्रेय इंदु चाचा को है। वे आंदोलनकारी के तौर पर सफल रहे, लेकिन जब वे राजनीति में गए तो खुद तो जीत गए लेकिन उनकी पार्टी को बड़ी सफलता नहीं मिली।
Janata Curfew से हिल गए थे नेहरू
डॉ. जयेश शाह कहते हैं 1956 में महागुजरात आंदोलन के बाद इंदुलाल याज्ञनिक (Indulal Yagnik) की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एक बार पंडित जवाहर लाल नेहरू को अहमदाबाद में सभा करनी थी। वे प्रधानमंत्री थे और बाम्बे राज्य की कमान बतौर सीएम मोरार जी देसाई के हाथों में थी, लेकिन अलग राज्य का आंदोलन चला रहे इंदुलाल याज्ञनिक ने नेहरू की सभा से पहले अहमदाबाद में जनता कफ्र्यू (Janata Curfew) का ऐलान कर दिया था। इसका इतना ज्यादा प्रभाव पड़ा कि लोग नेहरू की सभा में नहीं गए। नेहरू इसके बाद लोगों की जनभावनाओं को भांप गए और फिर उन्होंने 1 मई, 1960 को गुजरात और महाराष्ट्र राज्य बनाने की मांग को स्वीकार किया।
82 दिन तक मौत से जूझे
22 फरवरी, 1892 को नाडियाद में जन्मे इंदुलाल याज्ञनिक गुजरात राज्य बनवाने के 12 साल बाद 17 जुलाई, 1972 चल बसे। अपनी जिंदगी के आखिरी 82 दिनों में इंदुलाल याज्ञनिक मौत से जूझे। उनके मष्तिक में रक्तस्राव हुआ। वे मौत से जूझे और आखिर में उनकी मृत्यु हुई। इससे पहले उन्होंने अपनी पूरी संपत्ति गुजरात को नाम कर दी। अलग राज्य की स्थापना के बाद गुजरात राज्य 1 मई को अपना स्थापना दिवस मनाता है। गुजरात राज्य की स्थापना के लिए संसद में बॉम्बे पुर्नगठन अधिनियम पारित किया गया। इसके बाद गुजरात और महाराष्ट की स्थापना हुई। महाराष्ट्र का गठन 1 मई को हुआ। अगले दिन 2 मई 1960 को गुजरात बना। बाद में दोनों राज्यों का स्थापना दिवस एक ही दिन मनाने का फैसला लिया गया।
डॉ. जयेश शाह कहते हैं 1956 में महागुजरात आंदोलन के बाद इंदुलाल याज्ञनिक (Indulal Yagnik) की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एक बार पंडित जवाहर लाल नेहरू को अहमदाबाद में सभा करनी थी। वे प्रधानमंत्री थे और बाम्बे राज्य की कमान बतौर सीएम मोरार जी देसाई के हाथों में थी, लेकिन अलग राज्य का आंदोलन चला रहे इंदुलाल याज्ञनिक ने नेहरू की सभा से पहले अहमदाबाद में जनता कफ्र्यू (Janata Curfew) का ऐलान कर दिया था। इसका इतना ज्यादा प्रभाव पड़ा कि लोग नेहरू की सभा में नहीं गए। नेहरू इसके बाद लोगों की जनभावनाओं को भांप गए और फिर उन्होंने 1 मई, 1960 को गुजरात और महाराष्ट्र राज्य बनाने की मांग को स्वीकार किया।
82 दिन तक मौत से जूझे
22 फरवरी, 1892 को नाडियाद में जन्मे इंदुलाल याज्ञनिक गुजरात राज्य बनवाने के 12 साल बाद 17 जुलाई, 1972 चल बसे। अपनी जिंदगी के आखिरी 82 दिनों में इंदुलाल याज्ञनिक मौत से जूझे। उनके मष्तिक में रक्तस्राव हुआ। वे मौत से जूझे और आखिर में उनकी मृत्यु हुई। इससे पहले उन्होंने अपनी पूरी संपत्ति गुजरात को नाम कर दी। अलग राज्य की स्थापना के बाद गुजरात राज्य 1 मई को अपना स्थापना दिवस मनाता है। गुजरात राज्य की स्थापना के लिए संसद में बॉम्बे पुर्नगठन अधिनियम पारित किया गया। इसके बाद गुजरात और महाराष्ट की स्थापना हुई। महाराष्ट्र का गठन 1 मई को हुआ। अगले दिन 2 मई 1960 को गुजरात बना। बाद में दोनों राज्यों का स्थापना दिवस एक ही दिन मनाने का फैसला लिया गया।
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