दैनिक राशिफल

दैनिक पंचांग और दैनिक राशिफल 
दिनांक :27 - 03 - 2023(सोमवार)
सूर्योदय :06.28 am
सूर्यास्त  :06.36 pm
सूर्य राशि :मीन
चन्द्रोदय :10.13 am
चंद्रास्त :12.21 am
चन्द्र राशि :वृषभ 04:25 AM तक, बाद में मिथुन
विक्रम सम्वत :विक्रम संवत 2080
अमांत महीना :चैत्र 6
पूर्णिमांत महीना :चैत्र 20
पक्ष :शुक्ल 6
तिथि :षष्ठी 05:28 PM तक, बाद में सप्तमी
नक्षत्र :रोहिणी 03:27 PM तक, बाद में म्रृगशीर्षा
योग :आयुष्मान 11:19 PM तक, बाद में सौभाग्य
करण :तैतिल 05:28 PM तक, बाद में गर 06:11 AM तक, बाद में वणिज
राहु काल :7.30 – 9.00 am
कुलिक काल :1.30 – 3.00 pm
यमगण्ड :10.30 am – 12.00 pm
अभिजीत मुहूर्त :12:08 PM - 12:56 PM
दुर्मुहूर्त :12:56 PM - 01:45 PM, 03:22 PM - 04:10 PM
मेष 
अपने विचार व्यक्त करने में हिचकिचाएँ नहीं। आत्मविश्वास की कमी को ख़ुद पर हावी न होने दें, क्योंकि यह सिर्फ़ आपकी समस्या को और जटिल बनाएगा, साथ ही आपकी तरक़्क़ी में भी रोड़ा अटकाएगा। अपना आत्मविश्वास फिर से हासिल करने के लिए अपनी बात खुल कर कहें और परेशानियों का सामना होठों पर मुस्कुराहट के साथ करें। इस बात में सावधानी बरतें कि आप किसके साथ आर्थिक लेन-देन कर रहे हैं। परिवार के साथ रिश्ते-नातों में नयी जान डालने का सही समय है। रोमांटिक ज़िन्दगी में बदलाव मुमकिन है। आज के दिन अधिकांश समय ख़रीदारी और दूसरी गतिविधियाँ में जाएगा। अगर आप अपने जीवनसाथी को लंबे समय तक कोई सरप्राइज़ नहीं देते हैं, तो आप परेशानियों को न्यौता दे रहे हैं। 

भाग्यशाली दिशा : दक्षिण पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 4
भाग्यशाली रंग : हरा रंग

वृषभ 
आज स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहें। किसी भी व्यक्ति के साथ बौद्धिक चर्चा या वाद-विवाद न कीजिएगा। आपके मित्र पक्ष में खड़े रहकर आपकी मदद करते नजर आएंगे। आपका आज का दिन सुख-शांतिपूर्वक बीतेगा। पारिवारिक जीवन में भी आनंद छा जायेगा। शारीरिक और मानसिक स्वस्थता प्राप्त होगी। प्रोपर्टी से जुड़े लेन-देन पूरे होंगे और लाभ पहुँचाएंगे। अपनी छिपी क्षमता को बाहर लाने का यह उत्तम समय है। याद रखिए कि आंखें कभी झूठ नहीं बोलतीं। आज आपके प्रिय की आंखें आपको वाकई कुछ खास बताएंगी। परिवार के सुख-दुख के भागीदार बनें, ताकि उन्हें महसूस हो कि आप वाकई उनका ख्याल रखते हैं।

भाग्यशाली दिशा : पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 5
भाग्यशाली रंग : हल्का नीला

मिथुन 
दोस्तों के साथ मिलकर आप कुछ नया और सकारात्मक काम कर सकते हैं। इसके लिए कोशिश और पहल आपको ही करनी होगी। जीवनसाथी के साथ अच्छा समय बीतेगा। अविवाहित लोगों को विवाह या प्रेम प्रस्ताव मिल सकते हैं। परिवार में वैचारिक मतभेद खत्म हा सकतेहैं। आपके लगभग सभी काम पूरे होंगे। आपके काम करने का तरीका लोगों को प्रभावित करेगा। दोस्तों और भाइयों से सहयोग मिल सकता है।इस सप्ताहांत में आप काफ़ी-कुछ करना चाहते हैं, लेकिन अगर आप काम टालते रहेंगे तो ख़ुद पर ही खीझ पैदा होने लगेगी।

भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 7
भाग्यशाली रंग : भूरा रंग

कर्क 
भावी माताओं को सेहत को लेकर थोड़ी ज़्यादा सावधानी बरतने की ज़रूरत है। पैसे कमाने के नए मौक़े मुनाफ़ा देंगे। घरेलू काम थका देने वाला होगा और इसलिए मानसिक तनाव की वजह भी बन सकता है। मुमकिन है कि यह आपके रोमांटिक जीवन का सबसे मुश्किल दौर होगा, जो आपको दिल पूरी तरह से तोड़ सकता है। आप जिस प्रतियोगिता में भी क़दम रखेंगे, आपका प्रतिस्पर्धी स्वभाव आपको जीत दिलाने में सहयोग देगा। अपने जीवन की सभी समस्याओं को नजरअंदाज करते हुए आपका जीवन साथी आपके साथ खड़ा रहेगा। जोखिम के कामों से बचकर रहें।

भाग्यशाली दिशा : पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 4
भाग्यशाली रंग : पीला रंग

 सिंह 
आज अपने उत्साह को काबू में रखें, क्योंकि ज्यादा खुशी भी परेशानी का सबब बन सकती है। आजीविका एवं सुख के साधन जुटा पाएंगे। किसी से सहयोग की आशा नहीं करें। बौद्धिक चिंतन से आशंकाएं दूर होंगी। जो विदेश जाने का विचार कर रहे है उनके विदेश जाने के योग बन रहे हैं। कामकाज में आ रहे बदलावों के कारण आपको लाभ मिलेगा। शेयर मार्केट में निवेश करना शुभ साबित हो सकता है। परिवार में किसी सदस्य के साथ कहा-सुनी के चलते माहौल थोड़ा बोझिल हो सकता है, लेकिन यदि आप स्वयं को शान्त रखें व धैर्य से काम लें तो सबका मूड बढ़िया कर सकते हैं।

भाग्यशाली दिशा : उत्तर
भाग्यशाली संख्या : 5
भाग्यशाली रंग : पीला रंग

कन्या 
परेशान लोगों को कुछ राहत मिल सकती है। धन की बचत करने में सफल रहेंगे। अपनी कोशिशों के दम पर सही समय पर सही जगह आप मौजूद रहेंगे और इससे आपके रुके हुए काम पूरे हो सकते हैं। घर-परिवार या पड़ोस में कोई कठिन परिस्थिति बने तो सकारात्मक रहें। दाम्पत्य जीवन में सुख मिलेगा। शादी लायक लोगों को आज ऑफर मिल सकते हैं। लोग आपकी सलाह मानेंगे। आज आप थोड़ा संतुलित व्यवहार रखें। आपकी आय और खर्चों में तालमेल बना रहेगा। आज बच्चों के प्रति आपका स्वभाव नरम बना रहेगा। 

भाग्यशाली दिशा : पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 7
भाग्यशाली रंग : भूरा रंग

तुला 
अपनी शारीरिक सेहत सुधारने के लिए संतुलित आहर लें आज आप आसानी से पैसे इकट्ठा कर सकते हैं- लोगों को दिए पुराने कर्ज़ वापिस मिल सकते हैं- या फिर किसी नयी परियोजना पर लगाने के लिए धन अर्जित कर सकते हैं। पारिवारिक उत्तरदायित्व में वृद्धि होगी, जो आपको मानसिक तनाव दे सकती है। एकतरफ़ा प्यार आपको निराश कर सकता है। भरपूर रचनात्मकता और उत्साह आपको एक और फ़ायदेमंद दिन की ओर ले जाएंगे। आप अपने जीवन साथी के साथ बहुत बढ़िया समय बिताएंगे। हर एल पल आपको एक दूसरे के और करीब लाएगा। अपने जीवनसाथी के साथ एक कैंडल लाइट डिनर सम्भवतः आपकी हफ़्ते भर की थकान को दूर कर सकता है।

भाग्यशाली दिशा : पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 2
भाग्यशाली रंग : पीला रंग

 वृश्चिक 
आज का दिन आर्थिक दृष्टिकोण से मध्यम फलदायी है। उत्साह एवं आपके चौकसी के गुण किसी भी कार्य को बेहतर रूप से संपन्न करवाने में सहायक होंगे। आज आपको अपने उग्र स्वभाव पर नियंत्रण रखना होगा वरना दूसरे लोग आपसे दूरियां बना लेंगे। अपनी जिंदगी के मुद्दों को लेकर आप बहुत भावुक हो रहे हैं लेकिन फिर भी अपने दिमाग को शांत रखें। आज केवल अपने काम से ही मतलब रखना उपयुक्त रहेगा। आपके स्वभाव में उग्रता रहेगी और स्वास्थ्य कुछ कमजोर भी रहेगा। धार्मिक यात्रा या प्रवास की भी संभावना है। व्यावसायिक क्षेत्र में विघ्न या विवाद होने की भी संभावना है।

भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 9
भाग्यशाली रंग : सफ़ेद रंग

धनु 
फायदे की स्थिति बन सकती है। आज पैसों से जुड़े सारे काम कर लें। जो आप करना चाह रहे हैं। फालतू खर्चों से बच सकते हैं। अपनी दिनचर्या में सुधार करेंगे। कोई सूचना या कोई विचार कहीं से आपके दिमाग में आ सकता है। कुछ नया करने की कोशिश करें। आप बहुत हदतक सफल हो सकते हैं। यात्रा का विचार बनेगा या ऐसी स्थिति भी बन सकती है कि यात्रा करनी जरूरी हो जाएगी। धन लाभ होगा। परेशानियां खत्म हो सकती हैं।

भाग्यशाली दिशा : पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 5
भाग्यशाली रंग : हरा रंग

मकर 
मानसिक तौर पर आप स्थिर महसूस नहीं करेंगे- इसलिए इस बात का ख़याल रखें कि दूसरों के सामने आप कैसे बर्ताव करते और बोलते हैं। माता-पिता की मदद से आप आर्थिक तंगी से बाहर निकलने में क़ामयाब रहेंगे। ज़रुरत से ज़्यादा दोस्ताना बर्ताव करने वाले अजनबियों से पर्याप्त दूरी बनाए रखें। भावनात्मक उथल-पुथल आपको परेशान कर सकती है। यात्रा और शिक्षा से जुड़े काम आपकी जागरुकता में वृद्धि करेंगे। जीवनसाथी के साथ वाद-विवाद होने की काफ़ी संभावना है।

भाग्यशाली दिशा : उत्तर पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 2
भाग्यशाली रंग : नीला रंग

कुंभ 
आज रिश्तो को मजबूत करने की कोशिश करें। यह आपके लिए अपने अंतर्मन में झाँकने का बहुत अच्छा समय है और आपको इसका उपयोग अपनी कमियां दूर करने के लिए इसका उपयोग जरुर करना चाहिए। धन लाभ होगा। जीवनसाथी से बहुत ज़्यादा उम्मीदें रखना आपको वैवाहिक जीवन में उदासी की तरफ ले जा सकता है। यथार्थवादी रवैया अपनाएँ और जो आपकी ओर मदद का हाथ बढ़ाएँ। पार्टनर की भावनाओं को समझें। आज के दिन क्रोध करना आपके लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है इससे अपने कार्य बिगड़ेंगे और व्यापार में हानि होने की संभावनाएं बनेगी और आपके कार्यों में मुश्किलें उत्पन्न होगी।

भाग्यशाली दिशा : पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 7
भाग्यशाली रंग : नीला रंग

मीन 
आज निर्धारित कार्य संम्पन न होने की वजह से निराशा बनी रहेगी। बिना प्लानिंग किए भी कोई बड़ा काम जल्दी हो सकता है। आपके रिश्तों में अचानक बड़े बदलाव होने के योग हैं। मन की बात जताने और रूठे हुए लोगों को मनाने का समय है। इससे आप अच्छा महसूस करेंगे। आप में उत्साह भी बहुत रहेगा। मन में अच्छे विचार आएंगे। लोग आपसे आपके विचारों के बारे में बातें कर सकते हैं। आज आप अपने लिए नए अवसर तलाश करने की पूरी कोशिश करें। कुछ महत्वपूर्ण लोगों से दोस्ती हो सकती है। परिवार से सहयोग मिलता रहेगा।

भाग्यशाली दिशा : दक्षिण पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 8
भाग्यशाली रंग : नारंगी रंग


नवरात्रि में माँ के मंत्रों द्वारा भौतिक तापो से मुक्ति के उपाय
माँ दुर्गा के इन मंत्रो का जाप प्रति दिन भी कर सकते हैं। पर नवरात्र में जाप करने से शीघ्र प्रभाव देखा गया हैं।
सर्व प्रकार कि बाधा मुक्ति हेतु:
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सर्वाबाधाविनिर्मुक्तो धनधान्यसुतान्वितः। 
मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः॥

अर्थातः- मनुष्य मेरे प्रसाद से सब ""बाधाओं से मुक्त"" तथा धन, धान्य एवं पुत्र से सम्पन्न होगा- इसमें जरा भी संदेह नहीं है। 

कम से कम सवा लाख जप कर 'दशांश' हवन अवश्य करें। 

किसी भी प्रकार के संकट या बाधा कि आशंका होने पर इस मंत्र का प्रयोग करें। उक्त मंत्र का श्रद्धा एवं विश्वास से जाप करने से व्यक्ति सभी प्रकार की बाधा से मुक्त होकर धन-धान्य एवं पुत्र की प्राप्ति होती हैं।

बाधा शान्ति हेतु:
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सर्वाबाधाप्रशमनं त्रैलोक्यस्याखिलेश्वरि। 
एवमेव त्वया कार्यमस्मद्वैरिविनाशनम्॥

अर्थातः- सर्वेश्वरि! तुम इसी प्रकार तीनों लोकों की समस्त बाधाओं को शान्त करो और हमारे शत्रुओं का नाश करती रहो।

विपत्ति नाश हेतु:
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शरणागतदीनार्तपरित्राणपरायणे। सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमोऽस्तु ते॥

अर्थातः- शरण में आये हुए दीनों एवं पीडितों की रक्षा में संलग्न रहनेवाली तथा सबकी पीडा दूर करनेवाली नारायणी देवी! तुम्हें नमस्कार है।

पाप नाश हेतु:
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हिनस्ति दैत्यतेजांसि स्वनेनापूर्य या जगत्। सा घण्टा पातु नो देवि पापेभ्योऽन: सुतानिव॥

अर्थातः- देवि! जो अपनी ध्वनि से सम्पूर्ण जगत् को व्याप्त करके दैत्यों के तेज नष्ट किये देता है, वह तुम्हारा घण्टा हमलोगों की पापों से उसी प्रकार रक्षा करे, जैसे माता अपने पुत्रों की बुरे कर्मो से रक्षा करती है।

विपत्तिनाश और शुभ की प्राप्ति हेतु:
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करोतु सा न: शुभहेतुरीश्वरी शुभानि भद्राण्यभिहन्तु चापदः।

अर्थातः- वह कल्याण की साधनभूता ईश्वरी हमारा कल्याण और मङ्गल करे तथा सारी आपत्तियों का नाश कर डाले।

भय नाश हेतु:
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सर्वस्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्ति समन्विते। भयेभ्याहि नो देवि दुर्गे देवि नमोऽस्तु ते॥
एतत्ते वदनं सौम्यं लोचनत्रयभूषितम्। पातु न: सर्वभीतिभ्य: कात्यायनि नमोऽस्तु ते॥
ज्वालाकरालमत्युग्रमशेषासुरसूदनम्। त्रिशूलं पातु नो भीतेर्भद्रकालि नमोऽस्तु ते॥

अर्थातः- सर्वस्वरूपा, सर्वेश्वरी तथा सब प्रकार की शक्ति यों से सम्पन्न दिव्यरूपा दुर्गे देवि! सब भयों से हमारी रक्षा करो; तुम्हें नमस्कार है। कात्यायनी! यह तीन लोचनों से विभूषित तुम्हारा सौम्य मुख सब प्रकार के भयों से हमारी रक्षा करे। तुम्हें नमस्कार है। भद्रकाली! ज्वालाओं के कारण विकराल प्रतीत होनेवाला, अत्यन्त भयंकर और समस्त असुरों का संहार करनेवाला तुम्हारा त्रिशूल भय से हमें बचाये। तुम्हें नमस्कार है।

सर्व प्रकार के कल्याण हेतु:
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सर्वमङ्गलमङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके। शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते॥

अर्थातः- नारायणी! आप सब प्रकार का मङ्गल प्रदान करनेवाली मङ्गलमयी हो। कल्याणदायिनी शिवा हो। सब पुरुषार्थो को सिद्ध करनेवाली, शरणागतवत्सला, तीन नेत्रोंवाली एवं गौरी हो। आपको नमस्कार हैं।
व्यक्ति दु:ख, दरिद्रता और भय से परेशान हो चाहकर भी या परीश्रम के उपरांत भी सफलता प्राप्त नहीं होरही हों तो उपरोक्त मंत्र का प्रयोग करें।

सुलक्षणा पत्‍‌नी की प्राप्ति हेतु:
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पत्‍‌नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणीम्। तारिणीं दुर्गसंसारसागरस्य कुलोद्भवाम्॥

अर्थातः- मन की इच्छा के अनुसार चलनेवाली मनोहर पत्‍‌नी प्रदान करो, जो दुर्गम संसारसागर से तारनेवाली तथा उत्तम कुल में उत्पन्न हुई हो।

शक्ति प्राप्ति हेतु:
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सृष्टिस्थितिविनाशानां शक्ति भूते सनातनि। गुणाश्रये गुणमये नारायणि नमोऽस्तु ते॥

अर्थातः- तुम सृष्टि, पालन और संहार करने वाली शक्ति भूता, सनातनी देवी, गुणों का आधार तथा सर्वगुणमयी हो। नारायणि! तुम्हें नमस्कार है।

रक्षा प्राप्ति हेतु:
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शूलेन पाहि नो देवि पाहि खड्गेन चाम्बिके। घण्टास्वनेन न: पाहि चापज्यानि:स्वनेन च॥

अर्थातः- देवि! आप शूल से हमारी रक्षा करें। अम्बिके! आप खड्ग से भी हमारी रक्षा करें तथा घण्टा की ध्वनि और धनुष की टंकार से भी हमलोगों की रक्षा करें।

देह को सुरक्षित रखने हेतु एवं उसे किसी भी प्रकार कि चोट या हानी या किसी भी प्रकार के अस्त्र-सस्त्र से सुरक्षित रखने हेतु इस मंत्र का श्रद्धा से नियम पूर्वक जाप करें।

विद्या प्राप्ति एवं मातृभाव हेतु:
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विद्या: समस्तास्तव देवि भेदा: स्त्रिय: समस्ता: सकला जगत्सु।
त्वयैकया पूरितमम्बयैतत् का ते स्तुति: स्तव्यपरा परोक्तिः॥

अर्थातः- देवि! विश्वकि सम्पूर्ण विद्याएँ तुम्हारे ही भिन्न-भिन्न स्वरूप हैं। जगत् में जितनी स्त्रियाँ हैं, वे सब तुम्हारी ही मूर्तियाँ हैं। जगदम्ब! एकमात्र तुमने ही इस विश्व को व्याप्त कर रखा है। तुम्हारी स्तुति क्या हो सकती है? तुम तो स्तवन करने योग्य पदार्थो से परे हो।

समस्त प्रकार कि विद्याओं की प्राप्ति हेतु और समस्त स्त्रियों में मातृभाव की प्राप्ति के लिये इस मंत्रका पाठ करें।

प्रसन्नता की प्राप्ति हेतु:
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प्रणतानां प्रसीद त्वं देवि विश्वार्तिहारिणि। त्रैलोक्यवासिनामीडये लोकानां वरदा भव॥

अर्थातः- विश्व की पीडा दूर करनेवाली देवि! हम तुम्हारे चरणों पर पडे हुए हैं, हमपर प्रसन्न होओ। त्रिलोकनिवासियों की पूजनीय परमेश्वरि! सब लोगों को वरदान दो।

आरोग्य और सौभाग्य की प्राप्ति हेतु:
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देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्। रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥

अर्थातः- मुझे सौभाग्य और आरोग्य दो। परम सुख दो, रूप दो, जय दो, यश दो और काम-क्रोध आदि मेरे शत्रुओं का नाश करो।

महामारी नाश हेतु:
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जयन्ती मङ्गला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु ते॥

अर्थातः- जयन्ती, मङ्गला, काली, भद्रकाली, कपालिनी, दुर्गा, क्षमा, शिवा, धात्री, स्वाहा और स्वधा- इन नामों से प्रसिद्ध जगदम्बिके! तुम्हें मेरा नमस्कार हो।

रोग नाश हेतु:
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रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान्।
त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति॥

अर्थातः- देवि! तुमहारे प्रसन्न होने पर सब रोगों को नष्ट कर देती हो और कुपित होने पर मनोवाछित सभी कामनाओं का नाश कर देती हो। जो लोग तुम्हारी शरण में जा चुके हैं, उन पर विपत्ति तो आती ही नहीं। तुम्हारी शरण में गये हुए मनुष्य दूसरों को शरण देनेवाले हो जाते हैं।

विश्व की रक्षा हेतु:
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या श्री: स्वयं सुकृतिनां भवनेष्वलक्ष्मी: पापात्मनां कृतधियां हृदयेषु बुद्धि:।
श्रद्धा सतां कुलजनप्रभवस्य लज्जा तां त्वां नता: स्म परिपालय देवि विश्वम्॥

अर्थातः- जो पुण्यात्माओं के घरों में स्वयं ही लक्ष्मीरूप से, पापियों के यहाँ दरिद्रतारूप से, शुद्ध अन्त:करणवाले पुरुषों के हृदय में बुद्धिरूप से, सत्पुरुषों में श्रद्धारूप से तथा कुलीन मनुष्य में लज्जारूप से निवास करती हैं, उन आप भगवती दुर्गा को हम नमस्कार करते हैं। देवि! आप सम्पूर्ण विश्व का पालन कीजिये।

विश्वव्यापी विपत्तियों के नाश हेतु:
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देवि प्रपन्नार्तिहरे प्रसीद प्रसीद मातर्जगतोऽखिलस्य।
प्रसीद विश्वेश्वरि पाहि विश्वं त्वमीश्वरी देवि चराचरस्य॥

अर्थातः- शरणागत की पीडा दूर करनेवाली देवि! हमपर प्रसन्न होओ। सम्पूर्ण जगत् की माता! प्रसन्न होओ। विश्वेश्वरि! विश्व की रक्षा करो। देवि! तुम्हीं चराचर जगत् की अधीश्वरी हो।

विश्व के पाप-ताप निवारण हेतु:
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देवि प्रसीद परिपालय नोऽरिभीतेर्नित्यं यथासुरवधादधुनैव सद्य:।
पापानि सर्वजगतां प्रशमं नयाशु उत्पातपाकजनितांश्च महोपसर्गान्॥

अर्थातः- देवि! प्रसन्न होओ। जैसे इस समय असुरों का वध करके तुमने शीघ्र ही हमारी रक्षा की है, उसी प्रकार सदा हमें शत्रुओं के भय से बचाओ। सम्पूर्ण जगत् का पाप नष्ट कर दो और उत्पात एवं पापों के फलस्वरूप प्राप्त होनेवाले महामारी आदि बडे-बडे उपद्रवों को शीघ्र दूर करो।

विश्व के अशुभ तथा भय का विनाश करने हेतु:
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यस्या: प्रभावमतुलं भगवाननन्तो ब्रह्मा हरश्च न हि वक्तु मलं बलं च।
सा चण्डिकाखिलजगत्परिपालनाय नाशाय चाशुभभयस्य मतिं करोतु॥

अर्थातः- जिनके अनुपम प्रभाव और बल का वर्णन करने में भगवान् शेषनाग, ब्रह्माजी तथा महादेवजी भी समर्थ नहीं हैं, वे भगवती चण्डिका सम्पूर्ण जगत् का पालन एवं अशुभ भय का नाश करने का विचार करें।

सामूहिक कल्याण हेतु:
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देव्या यया ततमिदं जगदात्मशक्त्या निश्शेषदेवगणशक्ति समूहमूत्र्या।
तामम्बिकामखिलदेवमहर्षिपूज्यां भक्त्या नता: स्म विदधातु शुभानि सा न:॥

अर्थातः- सम्पूर्ण देवताओं की शक्ति का समुदाय ही जिनका स्वरूप है तथा जिन देवी ने अपनी शक्ति से सम्पूर्ण जगत् को व्याप्त कर रखा है, समस्त देवताओं और महर्षियों की पूजनीया उन जगदम्बा को हम भक्ति पूर्वक नमस्कार करते हैं। वे हमलोगों का कल्याण करें।

कैसे करें मंत्र जाप :-
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नवरात्रि के प्रतिपदा के दिन संकल्प लेकर प्रातःकाल स्नान करके पूर्व या उत्तर दिशा कि और मुख करके दुर्गा कि मूर्ति या चित्र की पंचोपचार या दक्षोपचार या "षोड्षोपचार से पूजा करें।

शुद्ध-पवित्र आसन ग्रहण कर रुद्राक्ष, स्फटिक, तुलसी या चंदन कि माला से मंत्र का जाप १,५,७,११ माला जाप पूर्ण कर अपने कार्य उद्देश्य कि पूर्ति हेतु मां से प्राथना करें। 
संपूर्ण नवरात्रि में जाप करने से मनोवांच्छित कामना अवश्य पूरी होती हैं।

उपरोक्त मंत्र के विधि-विधान के अनुसार जाप करने से मां कि कृपा से व्यक्ति को पाप और कष्टों से छुटकारा मिलता हैं 
और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग सुगम प्रतित होता हैं।
नवरात्रि के छठे दिन मां दुर्गा की छठी शक्ति, मां कात्यायनी की पूजा होती है. ऋषि कात्यायन की पुत्री होने के कारण इनका नाम कात्यायनी रखा गया. मां कात्यायनी स्त्री ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करती हैं और स्त्री ऊर्जा का स्वरूप भी हैं. ये ब्रज मंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं. मान्यता है कि देवी कात्यायनी जिस पर प्रसन्न हो जाएं उसे अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है. मां कात्यायनी की पूजा से मनचाहा वर मिलता है और प्रेम विवाह की सभी अड़चनें दूर हो जाती हैं।

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