New President of India: भारतीय लोकतंत्र की खूबसूरती है द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्रपति चुना जाना, पार्षद से राष्ट्रपति का चुनाव जीतने तक रचे हैं ये पांच कीर्तिमान

New President of India: भारतीय लोकतंत्र की खूबसूरती है द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्रपति चुना जाना, पार्षद से राष्ट्रपति का चुनाव जीतने तक रचे हैं ये पांच कीर्तिमान

द्रौपदी मुर्मू, भारत को आजादी के बाद पैदा होने वाली सबसे कम उम्र की और पहली राष्ट्रपति मिली।

भारतीय लोकतंत्र की खूबसूरती है द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्रपति चुना जाना, पार्षद से राष्ट्रपति का चुनाव जीतने तक रचे हैं ये पांच कीर्तिमान


द्रौपदी मुर्मू ने विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को आसान मुकाबले में हरा दिया।

अब देश की 15वीं राष्ट्रपति बनने जा रहीं द्रौपदी मुर्मू ने अब एक दो नहीं बल्कि 5 नए कीर्तिमान अपने नाम लिखवा लिया है।

New President of India: भारतीय लोकतंत्र की खूबसूरती है द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्रपति चुना जाना, पार्षद से राष्ट्रपति का चुनाव जीतने तक रचे हैं ये पांच कीर्तिमान

द्रौपदी मुर्मू ने विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को आसान मुकाबले में हरा दिया. अब देश की 15वीं राष्ट्रपति बनने जा रहीं द्रौपदी मुर्मू ने अब एक दो नहीं बल्कि 5 नए कीर्तिमान अपने नाम लिखवा लिया है।

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मूने आज गुरुवार को राष्ट्रपति चुनाव में बड़ी जीत हासिल करते हुए इतिहास रच दिया है. उन्होंने चुनाव में विपक्षी दलों के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को एक बेहद आसान मुकाबले में हरा दिया. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से उम्मीदवार बनाए जाने और फिर कई अन्य राज्य सरकारों तथा क्षेत्रीय राजनीतिक दलों की ओर से समर्थन का ऐलान किए जाने के बाद से ही द्रौपदी मुर्मू की जीत तय मानी जा रही थी. अब चुनाव में ऐतिहासिक जीत के बाद नए राष्ट्रपति के खाते में कई नए कीर्तिमान शामिल हो गए हैं.

देश की 15वीं राष्ट्रपति बनने जा रहीं द्रौपदी मुर्मू बनते ही एक दो नहीं बल्कि 5 नए कीर्तिमान अपने नाम लिखवा लिया है. आइए, एक नजर डालते हैं मुर्मू की ओर से रचे गए उन 5 कीर्तिमानों के बारे में…


आजाद भारत में पैदा होने वाली पहली राष्ट्रपति

राष्ट्रपति का चुनाव जीतने के साथ ही द्रौपदी मुर्मू ने सबसे बड़ा कीर्तिमान अपने नाम कर लिया है और वह कीर्तिमान है आजाद भारत में जन्म लेने वाली पहली ऐसी नेता जो देश की राष्ट्रपति बनी. इनसे पहले देश में अब तक जितने भी राष्ट्रपति हुए हैं वो सब के सब 15 अगस्त 1947 से पहले के पैदा हुए नेता हैं. 24 जुलाई को रिटायर होने जा रहे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी 1947 से पहले पैदा हुए थे. उनका जन्म 1 अक्टूबर 1945 को हुआ था. कोविंद से पहले के सभी राष्ट्रपति का जन्म तो आजादी मिलने से करीब 2 दशक पहले यानी 1930 से पहले हुआ था.

20 जून 1958 को जन्म लेने वालीं द्रौपदी मुर्मू भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस अनोखी लिस्ट में शामिल हो गई हैं, जिन्होंने आजादी के बाद जन्म लिया और वर्तमान में देश के दोनों शीर्ष पदों पर 1947 के बाद के पैदा हुए नेताओं का कब्जा हो गया है.

15 अगस्त 1947 से लेकर 2014 तक देश के दोनों शीर्ष पदों (राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री) को संभालने वाले सभी नेताओं का जन्म आजादी से पहले ही हुआ था. हालांकि मई 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री पद का शपथ लेने के साथ ही आजाद मुल्क का इतिहास बदल गया क्योंकि मोदी आजाद भारत में जन्म लेने वाले पहले प्रधानमंत्री बने, लेकिन राष्ट्रपति के तौर पर यह रिकॉर्ड नहीं टूटा था, लेकिन अब मुर्मू की जीत ने इस सूखे को भी खत्म कर दिया है.

देश को मिलेगी सबसे युवा राष्ट्रपति

द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति पद पर काबिज होने वाली देश की सबसे युवा राष्ट्रपति होने जा रही हैं. 20 जून 1958 को जन्मीं मुर्मू अभी 64 साल की हैं. 25 जुलाई को पद संभालने के समय वह 64 साल 1 महीना और 8 दिन हो जाएंगी. इस लिहाज से वह चंद दिनों के अंतर से यह रिकॉर्ड अपने नाम करेंगी.

देश के सबसे युवा राष्ट्रपति का रिकॉर्ड अब तक नीलम संजीव रेड्डी के नाम दर्ज था, जो 1977 के चुनाव में निर्विरोध राष्ट्रपति चुने गए थे. रेड्डी 25 जुलाई 1977 को राष्ट्रपति पद संभालने वाले तब सबसे कम उम्र के राष्ट्रपति बने. उस समय उनकी उम्र 64 साल 2 महीने और 6 दिन थी. देश के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति का नाम केआर नारायणन है. नारायणन ने 77 साल 5 महीने, 21 दिन की उम्र में 25 जुलाई 1997 को राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी.

पहली आदिवासी नेता, जो होंगी राष्ट्रपति

द्रौपदी मुर्मू एक आदिवासी नेता हैं. देश को अब तक केआर नारायणन और रामनाथ कोविंद के रूप में दो दलित राष्ट्रपति मिले हैं. लेकिन आदिवासी समुदाय से कोई भी नेता शीर्ष संवैधानिक पद पर नहीं आ सका. आदिवासी बिरादरी से देश को ना कोई प्रधानमंत्री मिला और ना ही राष्ट्रपति. यहां तक देश के अन्य शीर्ष पदों यानी गृह मंत्री, वित्त मंत्री और रक्षा मंत्री भी आदिवासी समुदाय से नहीं मिला लेकिन अब मुर्मू ने राष्ट्रपति बनकर इतिहास रच दिया है.

राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने के साथ ही वह देश की पहली आदिवासी महिला बन गई हैं जो देश की राष्ट्रपति होंगी. मुर्मू इससे पहले 2015 से 2021 तक झारखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं. उन्होंने बतौर राज्यपाल भी इतिहास रचा क्योंकि वह झारखंड में राज्यपाल के रूप में कार्यकाल पूरा करने वाली पहली हस्ती थीं.

देश की पहली पार्षद जो शीर्ष पद पर पहुंचीं

देश के इतिहास में यह पहली बार हुआ है जब कोई पार्षद राष्ट्रपति का चुनाव जीतने में कामयाब हुआ है. द्रौपदी मुर्मू ऐसी पहली नेता बन गईं जो पहले पार्षद रहीं और अब राष्ट्रपति बनने जा रही हैं.

ओडिशा में जन्मी द्रौपदी ने भुवनेश्वर स्थित रमादेवी महिला कॉलेज से बीए की डिग्री हासिल की. बतौर शिक्षक अपने करियर की शुरुआत करने वाली मुर्मू ने राजनीति में कदम रखा तो वह यहां भी बेहद कामयाब रहीं. मुर्मू साल 1997 में पार्षद बनीं, इसके 3 साल बाद वह 2000 में पहली बार विधायक बनीं. इस दौरान राज्य में भाजपा-बीजेडी सरकार में दो बार मंत्री भी रहीं.


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