लोगों को अपने काम के लिए जिला मुख्यालय आकर कलेक्टर कार्यालय का दरवाजा खटखटाने की नौबत ही ना आए ,ऐसा अनोखा सराहनीय एक अनुकरणीय प्रयास, नर्मदा जिले के कलेक्टर श्री डी ए शाह का ,अनोखा सराहनीय प्रयास।
लोगों और प्रशासन के बीच निकटता बढ़ाने के लिए जितना संभव हो सके तालुका स्तर पर सत्ता का विकेंद्रीकरण नर्मदा जिला कलेक्टर श्री डीए शाह बसाद्यो उदाहरण ----------------- लोगों को अपने काम के लिए जिला मुख्यालय आकर कलेक्टर कार्यालय का दरवाजा खटखटाना पड़ रहा है. स्थिति को सुधारने का एक अनुकरणीय प्रयास ----------------- राजपीपला, मंगलवार:- नर्मदा जिला कलेक्टर श्री डीए शाह ने जहां छोटे-बड़े सभी कार्यों के लिए लोगों को जिला मुख्यालय आकर समाहरणालय का दरवाजा खटखटाना पड़ रहा है, वहां की स्थिति को कम करने के लिए अनुकरणीय पहल की है. उन्होंने कानूनों और विनियमों की सीमा के भीतर जिला कलेक्टर की शक्तियों को तालुका स्तर पर अतिरिक्त कलेक्टर, प्रांत अधिकारी और मामलातदारों को विकेंद्रीकृत और स्थानांतरित करके सक्रिय शासन की दिशा में एक निर्णायक पहल की है। लोगों को एहसास होगा कि कलेक्ट्रेट सत्ता का केंद्र नहीं है, बल्कि एक ऐसी व्यवस्था है जो घर में सुशासन की सुविधा प्रदान करती है। सत्ता के विकेंद्रीकरण के साथ-साथ राज्य सरकार के गतिशील प्रशासन के साथ-स